Read ki haddi path ka saransh. He is a lawyer and takes pride in his profession.
Read ki haddi path ka saransh रीढ़ की हड्डी एकांकी का सारांश: ‘रीढ़ की हड्डी' एकांकी लेखक जगदीश चन्द्र माथुर के द्वारा रचित है। यह आधुनिक काल में विवाह से पहले लड़कियों को देखने और दिखाने की अनौचित्यपूर्ण प्रथा से संबंधित है। आधुनिक काल से लड़कियों की शिक्षा-दीक्षा, चाल-चलन, लंबाई, मुटाई तथा सौन्दर्य रंग के बारे में खूब जांच की जाती है। तब विवाह तय होता है और यह भी निश्चित न May 11, 2023 · एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ एक सामाजिक एकांकी है। इस एकांकी के लेखक श्री जगदीश चंद्र माथुर हैं। इसमें उन्होंने लड़के और लड़की में भेदभाव करने वाले लोगों पर प्रहार करते हुए दोनों को समान सामाजिक प्रतिष्ठा देने की बात कही है। एकांकी का संक्षिप्त सार इस प्रकार है –. Mar 31, 2023 · Gopal Prasad is a major character in the one-act play ‘Reedh Ki Haddi’. They are looking for a less educated girl for their son Shankar. He is a lawyer and takes pride in his profession. रीढ़ की हड्डी एकांकी का सारांश. Knows the importance of education but is a conservative minded person. . Apr 29, 2021 · रीढ़ की हड्डी पाठ जगदीशचन्द्र माथुर द्वारा लिखी गई है| पाठ में लड़कियों को शादी के लिए भेड़ बकरियों की तरह उन्हें पहले परखा जाता है| लड़कों के दोषों को न देखकर लड़की के गुण पर दोषों की छानबीन की जाती है|. रीढ़ की हड्डी एकांकी श्री जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा लिखित है। यह एकांकी लड़की (उमा) के विवाह की सामाजिक समस्या पर आधरित है। 'रीढ़ की हड्डी' कहानी में लेखक ने समाज में स्त्रियों के प्रति व्याप्त रूढ़िवादी मानसिकता पर प्रश्न-चिह्न उठाया है . प्रस्तुत एकांकी का प्राण उमा के विवाह के लिए आने वाले गोपाल, उनके पुत्र शंकर तथा उमा के पिता रामस्वरूप जी का आपसी संवाद है।रामस्वरूप अपनी पुत्री की उच्च शिक्षा को छिपाते हैं।जब उमा पान लेकर बैठक में जाती है तो उसकी आँखों पर सुनहला चश्मा देखकर गोपाल चौंक पड़ते हैं।कई बार के आग्रह के बाद उमा मुंह खोलती है और लडकियों को भेंड-बकरी की तरह मानने वाल प्रस्तुत एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ श्री जगदीश चन्द्र माथुर द्वारा रचित है। यह एकांकी लड़की के विवाह की एक सामाजिक समस्या पर आधरित है। इस एकांकी में कुल छह पात्र हैं-रामस्वरूप, उनका नौकर रतन, रामस्वरूप की पत्नी प्रेमा, उनकी बेटी उमा, शंकर के पिता गोपाल प्रसाद तथा शंकर। पूरा एकांकी एक मामूली से सजे कमरे में खेला गया है।. That’s why he wants to marry his son Shankar to a less educated girl. nsxcvygxcsygekvhoghyoromjluarsjwvswqxkwiofrwdahld